तुझे भूलना चाहा पर कैसे
मेरे हर रूह में समां गई है तू
दिल रोकों तो कैसे
दिल के हर धड़कन में तू धड़कती है
सासों को रोकों तो कैसे
हर सास में तू चलती है
तेरी यादों को भूलना चाहा पर कैसे
तेरे यादों में ही तो जीता हूं
आँखें बंद करों तो कैसे
हर समां में बस तू ही