Saturday, March 10, 2012

तुझे भूलना चाहा पर कैसे

तुझे भूलना चाहा पर कैसे 
मेरे हर रूह  में समां गई है तू

दिल रोकों तो कैसे 
दिल के हर धड़कन में तू धड़कती है 

सासों को रोकों तो कैसे 
हर सास में तू चलती है 

तेरी यादों को भूलना चाहा पर कैसे 
तेरे यादों में ही तो जीता हूं

आँखें बंद करों तो कैसे 
हर समां में बस तू ही